वक़्त लगता है,
कुछ ठहरा हुआ सा,
नि:शब्द, भावविहीन,
क्रोधमुक्त और उदासीन,
न पाने की चाह
और न खोने का गम,
खुश हूँ अब
वापस लौटकर।
राहें फिर वहीं ले आई,
जहाँ सब कुछ छूट गया था,
एक रोशनी की
किरण समेटे वो
समय लौट आया फिर
मुझे तलाशने।
#ज्योत्सना
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