आज फिर नयन भर आये अश्रुओं से, करके याद सुनहरे दिन, पल पल का वो साथ तुम्हारा, जब चलते थे निर्जन वन।
छोड़ा तुमको बीच सफर में, समय था तब प्रतिकूल हमारे, आज भी तुम वहीं खड़े हो, यूँ ही लहराते हरे भरे...!!! #ज्योत्सना
No comments:
Post a Comment