कभी अचानक जिंदगी में
यूं मच जाती है हलचल,
जिम्मेदारियों तले दब जाती हैं
तमाम खुशियां हरपल,
कहने का मन है
अब अलविदा सबको,
बस एक बोझ है मन पर,
कभी वापस लौटूं तो
शायद कह पाऊं,
बुला रही है कर्मभूमि,
मन लगता नहीं यहाँ,
चिंतित मन अब होने लगा,
देख अपेक्षाओं की कतार,
हर बार एक नई चुनौती
ले रही इम्तहान,
जाना होगा अब
चुनौतियों के आगे
करना होगा खुद को तैयार
लड़ने एक नई जंग जिंदगी से,
अलविदा अब...!!!
#ज्योत्सना
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