Monday, 17 April 2017

अपने जीवन को तुम यूं ही...

अपने जीवन को तुम यूं ही,
पर निंदा में न बेकार करो...!!

तुममें है असीमित ऊर्जा,
उस ऊर्जा का सदुपयोग करो...!!

नवजीवन दो निराश प्राणी को,
सकारात्मक ऊर्जा का संचार करो...!!

स्वयं की क्षमता को पहचानो,
भीड़ का हिस्सा व्यर्थ न बनो...!!

दूर रहो पर निंदा से,
अपनी ऊर्जा को सकारात्मक करो...!!

ध्यान न अपना भटकाओ,
किसी निरीह के तुम काम आओ...!!

महापुरुषों के गुणों को पहचानो,
प्रशंसा में समय व्यर्थ न करो...!!

अपना लो उनके सद्गुणों को,
तुम भी किसी के पथ प्रदर्शक बनो...!!

अपने जीवन को तुम यूं ही,
पर निंदा में न बेकार करो...!!

#ज्योत्सना

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