Monday, 17 April 2017

बस मेरी न सही पर तुम सुन लो उन निर्धन की पुकार...

कुछ शब्द
उन भरी आँखों पर भी
लिख दो,
जो समेटे है हृदय में
अनगिनत तूफानों को,
बस आज सुन लो
इस भारी हृदय की व्यथा
और मुक्त कर दो
इस उद्वेलित मन को।
क्यों आज व्याकुल है मन,
बांटने को आतुर तुमसे
हर वो बात,
जो कर जाती है मन को तार,
बस मेरी न सही,
पर तुम सुन लो
उन निर्धन की पुकार...!!!
#ज्योत्सना

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