एक तस्वीर जो छपी है सदियों से मनमस्तिष्क में, बहुत मुश्किल है बदलना उसका, आज फिर यादआया कह देना उसका, "निर्वात" भर जाया करता है। #ज्योत्सना
No comments:
Post a Comment