1. इक नई कहानी, इक नया तराना,
ले आया ये जग का ताना बाना...!!!
2. दूर क्षितिज़ पर सूर्य हो रहा निशा से मिलने को तैयार,
प्यारी संध्या मचल उठी है कर सोलह श्रृंगार...!!!
3. सूर्य किरणों के तेज से,
दूर हो मन का अंधेरा,
मन रोशन हो प्रतिपल,
क्षण हो जब ये सुनहरा...!!!
4. ढलता सूरज दे जाता है,
सबको एक पैगाम नया,
कल फिर सूरज निकलेगा,
लेकर एक आगाज़ नया...!!!
5. छोटी-छोटी बातों से मिलती हैं खुशियां,
खुशियों से मिलता है प्यार,
जहाँ ये सब मिलें तो बनता है संसार...!!!
--ज्योत्सना
No comments:
Post a Comment