Sunday, 7 December 2014

मन के भाव (2)

                                                           



1. भर आती हैं अब भी आंखें उसको देखकर,
    बस विचारों के युद्ध ने कभी एक न होने दिया...!!!

2. कहते हो रूठना मनाना,ये दुनिया की रीत है,
    कल जब हम ना होंगे तो मत कहना कि ये प्रीत है...!!!

3. कभी हम खामोश,कभी वो खामोश,
    लफ्ज़ बस इंतजार में हैं खामोशी के टूटने के...!!!

4. छोटी-छोटी खुशियां लाती हैं मुस्कान उदास चेहरों पर,
    चलो मनाये उनको जो उदास बैठे हैं...!!!

5. एक फीका सा जवाब आया,हाल उनका पूछा तो,
   अब भी रूसवाईयों के बादल छंटे नहीं दिल से...!!!

   --ज्योत्सना

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