1.मन के कोरे कागज पे,
लिख डालो नया एक गीत,
कल जब नया सवेरा होगा,
कल जब नया सवेरा होगा,
यादें होंगी मन की मीत...!!!
2.आज शब्द नहीं हैं कहने को,
आंखें ये बरस जाना चाहती हैं...!!!
3. कोई रिश्ता नहीं जिससे,
तो फिर ये नफरत का रिश्ता क्यों...???
4.न बांधो इनके बचपन को,
उडने दो खुली हवाओं में,
खुले आकाश में पंख फैलाने दो,
छोटी-छोटी खुशियां पा लेने दो...!!!
5.मन विभोर मंत्रमुग्ध हुआ,
आहट हृदय पे हुई तुम्हारी,
पल प्रतिपल रहूँ मन में तुम्हारे,
यही कामना है हमारी...!!!
--ज्योत्सना
2.आज शब्द नहीं हैं कहने को,
आंखें ये बरस जाना चाहती हैं...!!!
3. कोई रिश्ता नहीं जिससे,
तो फिर ये नफरत का रिश्ता क्यों...???
4.न बांधो इनके बचपन को,
उडने दो खुली हवाओं में,
खुले आकाश में पंख फैलाने दो,
छोटी-छोटी खुशियां पा लेने दो...!!!
5.मन विभोर मंत्रमुग्ध हुआ,
आहट हृदय पे हुई तुम्हारी,
पल प्रतिपल रहूँ मन में तुम्हारे,
यही कामना है हमारी...!!!
--ज्योत्सना
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