Friday, 18 March 2016

तुम्हारी यादों में...

न हम बदलेंगे, न तुम बदलोगे,
बस बदल जायेगा ये वक्त,
आज गुमां है तुमको
अपनी ऊर्जा पर,
कल झुकी कमर होगी
तो याद जरूर करना
इस समय को,
जो बहा कर ले चला है
अपने साथ समेटे
इन खारी और मीठी यादों को,
बस वो ही साथ रहेगा तब
तुम्हारी यादों में
और शायद मैं भी...!!!
#ज्योत्सना

Wednesday, 16 March 2016

प्रेम की परिभाषा...

रात भर तकलीफ में
अक्सर तुम ही,
क्यों याद आते हो...?
ये समझ न सका दिल,
बस सोचती हूँ तुम्हें
अपने आस-पास,
सिरहाने बैठे तुमको
सुनना अच्छा लगता है।
वो नसीहतें देना,
वो प्यार से झिड़की देना-
"ख्याल नहीं रखती हो अपना"
खुद पर ये अधिकार जताना,
बोलो यही तो परिभाषा है ना,
प्रेम की...?
#ज्योत्सना