दर्द के साये जब कभी चले आते हैं, अन्तर्मन को भीगा जाते हैं, नम आँखों से देखो तो कितना कुछ पीछे छूट गया, कुछ कहा था, कुछ अनकहा रह गया। #ज्योत्सना
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