Saturday, 21 April 2018

कुछ अनकहा रह गया...

दर्द के साये
जब कभी
चले आते हैं,
अन्तर्मन को
भीगा जाते हैं,
नम आँखों से
देखो तो
कितना कुछ
पीछे छूट गया,
कुछ कहा था,
कुछ अनकहा रह गया।
#ज्योत्सना

No comments:

Post a Comment